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Showing posts from June, 2018

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-10

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मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-9

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मेरी चुदाई की हिन्दी कहानी में अब तक आपने पढ़ा कि मैं पूरी कॉल गर्ल बन गई और एक दिन मेरी कम्पनी के बॉस को मेरे बारे में पता चल गया. अब आगे.. हां तो दोस्तो अब जिंदगी मज़े से चल रही थी. कंपनी में काम भी इज्जतदार था. एमडी या मेरे सिवाये किसी को कुछ नहीं पता था कि मैं क्या क्या करती हूँ. ऑफिस वाले भी मेरी बड़ी इज्जत करते थे. पैसे की भी कोई कमी ना थी. मगर ऊपर वाले की नजरें मुझ पर ठीक नहीं थीं. एक दिन मैं पूरी तैयारी के साथ किसी अधिकारी से मिलने गई कि उससे काम निकलवा ही लूँगी, मगर बदनसीबी से उसके किसी दुश्मन ने उसे फँसाने का पूरा काम कर रखा था. उसकी शिकायत की जा चुकी थी और पुलिस ने हम दोनों को बंद कमरे में आकर दबोच लिया. उस अधिकारी को तो पुलिस ने छोड़ दिया क्योंकि उसने किसी खास आदमी से फोन करवा दिया. मगर पुलिस मुझे थाने में ले गई. जब कंपनी के एमडी से पूछा गया तो उसने साफ साफ़ कह दिया मुझे कुछ पता नहीं है कि यह क्या करती है. आप लोग क़ानून के अनुसार इस पर एक्शन लीजिए. अब मुझे पता लग चुका था कि मैं किसी को भी मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही. सिवा आंसू निकालने के मैं कुछ भी नहीं कर सकती थ

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-8

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मेरी कहानी के पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा था कि मैं अब एक पक्की कॉलगर्ल बन गई थी. अब आगे.. अब मेरी हालत ऐसी हो गई थी, जैसे मैं कोई खेलने की वस्तु थी. हर कोई मुझे अपनी गोदी में बैठाना चाहता था और रात को वो सब सच करवाना भी चाहता था, जो कोई भी अय्याश किसी लड़की के साथ करते हैं, मगर सुबह के उजाले में वो मेरी परछाई भी देखना पसंद नहीं करते थे. खैर.. अब मुझे सबसे पहले खुद को लोगों की नज़र भी बचा कर रखना था, जिसके लिए मैं प्रयत्न किया करती थी. मेरे पास अब दो मोबाइल थे. एक तो जिसमें चुदाई के लिए मैसेज मिला करते थे और दूसरा जिस पर मैं अपने जान पहचान व रिश्तेदारों से बात करती थी. जिस मोबाइल पर मुझे चुदाई के मैसेज मिलते थे, उसे मैं छुपा कर रखती थी और नॉर्मली उसे वाइब्रेशन मोड पर रख कर अपने मम्मों के बीच रखा करती थी ताकि कभी भी वो मोबाइल किसी के हाथ ना लगे. आमतौर पर मैं फोन अटेंड नहीं करती थी और मैसेज देख कर या तो जवाब दे देती थी या फिर मैसेज भेजती थी. इस तरह से मुझे ग्राहक मिला करते थे. एक दिन वो फोन किसी से चुदाई करवाते हुए गलती से उसी ग्राहक के पास ही रह गया. मुझे तो पता नहीं था कि कहाँ

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-7

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अब तक आपने पढ़ा था कि अशोक ने मुझे बड़ी रकम का ऑफर दिया था जिसे मैंने स्वीकार कर लिया था. वो बोला- मैं जानता हूँ कि तुम मजबूरी में इस धंधे में आई हो. तुम चिंता न करो मैं तुम्हें पूरा मालामाल कर दूँगा और आज की रात में तुम्हें पूरे 70000 दूँगा जो मैंने तुम्हारी पहली कीमत आधी की थी. मुझे नहीं पता है कि कुसुम ने तुम्हारे पैसे तुमको दिए या नहीं. खैर ये मेरा काम नहीं है, उसने भी तुम्हें लाने के लिए पूरी मेहनत की थी. अगर वो पैसे उसने अपने पास भी रखे तो कोई ग़लत नहीं किया. मगर मैं आज तुम्हारी उस रात की पूरी कीमत दूँगा. मगर इसके बाद 40000 ही दिया करूँगा. अगर तुम चाहो तो मेरे एक दो दोस्त भी हैं जो तुम्हारी जवानी का मज़ा लूटना चाहते हैं. तुम उनसे भी चुदना चाहोगी तो उनसे भी इतनी ही रकम मिल जाएगी. फैसला तुम पर ही रहेगा जो चाहो, सो करो. मैंने कहा- मगर यह बताओ कि सब साथ साथ होओगे या अलग अलग. अशोक हंस कर बोला- अब क्या फरक पड़ता है, साथ रहें या अलग. तुम तो दूसरे लौड़े से भी चुद चुकी हो और वो मेरे ही सामने मेरे द्वारा दिलवाए गए लौड़े से चुदोगी. चलिए यह सब तो बाद की बात है, आप अबकी बार हां करिए, नहीं

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-6

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अब तक आपने मेरी हिंदी चुदाई कहानी में पढ़ा था कि अशोक और उसका अनाड़ी दोस्त दोनों मिलकर मेरी चुत चुदाई में लगे हुए थे. अब आगे.. लगभग सुबह के 5 बजे थे तो उसका फ्रेंड बोला- यार मुझे 8 बजे की फ्लाइट लेनी है, मैं तो अब जाऊंगा. इतना बोलते हुए वो बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर चला गया. मगर अशोक तो मेरी अभी भी चुत बजाने को तैयार बैठा था. उसका मूसल लौड़ा पूरा फ़ौज के सिपाही की तरह तैयार था अपने दुश्मन यानि मेरी चुत पर हमला करने को. वो बोला- अब तुम अपनी चुत फैला कर मेरे लंड पर चढ़ जाओ और अब तुम मेरी चुदाई करो. उसके कहे अनुसार मैं अपनी चुत में उसका लौड़ा लेकर बैठ गई और धीरे धीरे झटके मारने लगी. वो बोला- जरा जोर से धक्के मार. मैंने जोर जोर से हिलना शुरू कर दिया. जोर जोर से लंड को चुत से आधा निकाल कर फिर पूरा अन्दर करती रही. पता नहीं तभी अशोक को क्या सूझा, वो बोला- देख अब कैसे मजा लिया जाता है. उसने नीचे से अपने लंड से राजधानी एक्सप्रेस चला दी और चुत की धज्जियाँ उड़ानी शुरू कर दीं. मेरे मम्मे उछल रहे थे और वो उन्हें खींच खींच कर मजा ले रहा था. इस तरह से पूरी रात भर में चुदती रही. हां मगर अब मुझे

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-5

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मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-4

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अब तक आपने पढ़ा था कि अशोक ने मेरी सील तोड़ दी थी और चुदाई चालू थी. मैं दर्द से चिल्ला रही थी. इस पर अशोक ने मेरे मुँह पर अपनी चड्डी घुसा कर मेरा मुँह बंद कर दिया. मैं अब चिल्ला भी नहीं सकती थी मगर दर्द से पूरी तरह मरी जा रही थी. अशोक ने अपने लंड का टोपा बाहर निकाल कर फिर से एक जोरदार ऐसा झटका मारा कि उस आधा लंड मेरी चुत में घुस गया. मैं माओ बेहोश हो गई. मेरी आवाज गले में ही घुट गई थी. आँखें फ़ैल गई थीं. अब तो उस पर मानो भूत सवार हो गया था. उसने एक और झटका मारा. इस बार उसका लंड करीब तीन चौथाई अन्दर चला गया था. वो शायद थक गया था या उसके लंड में जलन होने लगी थी. इसलिए वो 2 मिनट तक शांत रहा मगर फिर एक जोरदार कसके झटका मारा. इस बार पूरा लौड़ा मेरी चुत में जड़ तक घुस चुका था. वो पूरा दरिन्दा बना हुआ था. मेरी चुत से खून जो निकला था, वो शायद बंद हो गया था मगर दर्द बहुत हो रहा था और मैं तड़फ रही थी. इसके बाद उसने आधा लंड बाहर निकाल कर जोर से झटका मार कर अन्दर कर दिया और अब वो बार बार लंड को अन्दर बाहर करने लगा. मुझे मालूम तो था कि पहली चुदाई में ये सब दर्द होना ही था, मगर मुझे पैसे के लिए य

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-3

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अब तक आपने पढ़ा था कि कुसुम ने मुझे रंडी बनने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दी. उसने मुझे पीने के लिए एक शरबत दिया और बोली- डियर अब खुल कर सेक्सी वर्ड्स यूज करना सीख लो. तुम्हारी पहली क्लास है. मेरे पीछे दस बार बोलना “लंड लंड लंड लंड लंड..” मैंने बोला. जब अच्छी तरह से बोल चुकी तो बोली- शाबाश अब बोलो चुत चुत चुत.. मैंने कहा तो बोली- अब बोलो चुदाई चुदाई चुदाई. फिर बोली- मम्मे, मम्मे, मम्मे.. इसके बाद उसने मुझसे बुलवाया मम्मों की घुन्डियां (निप्पलों) मम्मों की घुन्डियां… फिर बोली- पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ. मैंने कहा- यार शर्म आती है. इस पर वो मुझ पर चिल्ला कर बोली- शर्म आती है बेशर्म.. शर्म पी जा.. अभी तो मेरे सामने नंगी होना है. रात को तो पूरे खड़े लंड के सामने नंगी होना पड़ेगा. देख जैसे मैं नंगी होती हूँ उसी तरह से नंगी हो जा और मैं भी देखती हूँ तू कैसे होती है. अब आगे.. उसने मुझे पूरी नंगी करवा दिया. बोली- डाल कपड़े फिर से.. और फिर नंगी हो जा. इस तरह से उसने मुझे नंगी होने ही ट्रेनिंग दी. मैंने कभी चुत के बालों मतलब झांटों को कभी शेव नहीं किया था. कुसुम बोली कि इन झांटों क

मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-2

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मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-1

मेरे प्यारे दोस्तो, मेरी एक फ्रेंड की संगत के कारण ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी बन गई है. उसको मैं अच्छी तरह से जानती थी. कॉल गर्ल बनने के बाद मैं उसके साथ कई बार एक ही बिस्तर पर अलग अलग लंडों से चुद भी चुकी थी. जब कभी भी उसको कहती हूँ कि यार बहुत दिन हो गए हैं… तो वो समझ जाती है कि मेरी चुत में खुजली हो रही है और मेरे लिए किसी लंबे और मोटे लंड का इंतज़ाम करवा देती है. वो मुझे अपने साथ ले जाकर खुद भी चुदती है और मुझे भी चुदवा देती है. इससे दो फ़ायदे हो जाते हैं, एक चुत ठंडी हो जाती है और दूसरा पॉकेट में कुछ माल भी आ जाता है. खैर कहानी की शुरूआत करने से पहले मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मेरी कुंवारी चुत कैसे चुदी और फिर मैं कैसे चुदाई की शौकीन बन कर पूरी कॉलगर्ल बन गई. यह मेरी सच्ची कहानी है. मेरे जैसे ना मालूम कितनी होंगी, जो इस दलदल में फंस कर निकल नहीं सकतीं. मुझे अय्याशों की महफ़िल में सब कहेंगे तू मेरे दिल की रानी है, मगर जब वास्तविकता में आ जाते हैं, तो कोई पहचानने से भी इन्कार कर देता है. दोस्तो, कोई भी लड़की किसी गैर आदमी के साथ ना तो चुदवाना चाहेगी और ना ही अपने कपड़े उतारेगी. मग