अब तक आपने पढ़ा था कि कुसुम ने मुझे रंडी बनने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दी. उसने मुझे पीने के लिए एक शरबत दिया और बोली- डियर अब खुल कर सेक्सी वर्ड्स यूज करना सीख लो. तुम्हारी पहली क्लास है. मेरे पीछे दस बार बोलना “लंड लंड लंड लंड लंड..” मैंने बोला. जब अच्छी तरह से बोल चुकी तो बोली- शाबाश अब बोलो चुत चुत चुत.. मैंने कहा तो बोली- अब बोलो चुदाई चुदाई चुदाई. फिर बोली- मम्मे, मम्मे, मम्मे.. इसके बाद उसने मुझसे बुलवाया मम्मों की घुन्डियां (निप्पलों) मम्मों की घुन्डियां… फिर बोली- पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ. मैंने कहा- यार शर्म आती है. इस पर वो मुझ पर चिल्ला कर बोली- शर्म आती है बेशर्म.. शर्म पी जा.. अभी तो मेरे सामने नंगी होना है. रात को तो पूरे खड़े लंड के सामने नंगी होना पड़ेगा. देख जैसे मैं नंगी होती हूँ उसी तरह से नंगी हो जा और मैं भी देखती हूँ तू कैसे होती है. अब आगे.. उसने मुझे पूरी नंगी करवा दिया. बोली- डाल कपड़े फिर से.. और फिर नंगी हो जा. इस तरह से उसने मुझे नंगी होने ही ट्रेनिंग दी. मैंने कभी चुत के बालों मतलब झांटों को कभी शेव नहीं किया था. कुसुम बोली कि इन झांटों क
मेरी चुदाई की हिन्दी कहानी में अब तक आपने पढ़ा कि मैं पूरी कॉल गर्ल बन गई और एक दिन मेरी कम्पनी के बॉस को मेरे बारे में पता चल गया. अब आगे.. हां तो दोस्तो अब जिंदगी मज़े से चल रही थी. कंपनी में काम भी इज्जतदार था. एमडी या मेरे सिवाये किसी को कुछ नहीं पता था कि मैं क्या क्या करती हूँ. ऑफिस वाले भी मेरी बड़ी इज्जत करते थे. पैसे की भी कोई कमी ना थी. मगर ऊपर वाले की नजरें मुझ पर ठीक नहीं थीं. एक दिन मैं पूरी तैयारी के साथ किसी अधिकारी से मिलने गई कि उससे काम निकलवा ही लूँगी, मगर बदनसीबी से उसके किसी दुश्मन ने उसे फँसाने का पूरा काम कर रखा था. उसकी शिकायत की जा चुकी थी और पुलिस ने हम दोनों को बंद कमरे में आकर दबोच लिया. उस अधिकारी को तो पुलिस ने छोड़ दिया क्योंकि उसने किसी खास आदमी से फोन करवा दिया. मगर पुलिस मुझे थाने में ले गई. जब कंपनी के एमडी से पूछा गया तो उसने साफ साफ़ कह दिया मुझे कुछ पता नहीं है कि यह क्या करती है. आप लोग क़ानून के अनुसार इस पर एक्शन लीजिए. अब मुझे पता लग चुका था कि मैं किसी को भी मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही. सिवा आंसू निकालने के मैं कुछ भी नहीं कर सकती थ
अब तक आपने मेरी हिंदी चुदाई कहानी में पढ़ा था कि अशोक और उसका अनाड़ी दोस्त दोनों मिलकर मेरी चुत चुदाई में लगे हुए थे. अब आगे.. लगभग सुबह के 5 बजे थे तो उसका फ्रेंड बोला- यार मुझे 8 बजे की फ्लाइट लेनी है, मैं तो अब जाऊंगा. इतना बोलते हुए वो बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर चला गया. मगर अशोक तो मेरी अभी भी चुत बजाने को तैयार बैठा था. उसका मूसल लौड़ा पूरा फ़ौज के सिपाही की तरह तैयार था अपने दुश्मन यानि मेरी चुत पर हमला करने को. वो बोला- अब तुम अपनी चुत फैला कर मेरे लंड पर चढ़ जाओ और अब तुम मेरी चुदाई करो. उसके कहे अनुसार मैं अपनी चुत में उसका लौड़ा लेकर बैठ गई और धीरे धीरे झटके मारने लगी. वो बोला- जरा जोर से धक्के मार. मैंने जोर जोर से हिलना शुरू कर दिया. जोर जोर से लंड को चुत से आधा निकाल कर फिर पूरा अन्दर करती रही. पता नहीं तभी अशोक को क्या सूझा, वो बोला- देख अब कैसे मजा लिया जाता है. उसने नीचे से अपने लंड से राजधानी एक्सप्रेस चला दी और चुत की धज्जियाँ उड़ानी शुरू कर दीं. मेरे मम्मे उछल रहे थे और वो उन्हें खींच खींच कर मजा ले रहा था. इस तरह से पूरी रात भर में चुदती रही. हां मगर अब मुझे
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